
✍️ अजीत मिश्रा ✍️
पाक का नापाक हाथ और लश्कर का साथ… पहलगाम अटैक की जिम्मेदारी लेने वाले ‘द रेजिस्टेंस फ्रंट’ की पुरी कुंडली जानिए
द रेजिस्टेंस फ्रंट (TRF) प्रतिबंधित पाकिस्तान स्थित लश्कर-ए-तैयबा (LeT) का एक प्रॉक्सी आतंकी संगठन है, जिसका गठन 2019 में जम्मू और कश्मीर में अनुच्छेद 370 के निरस्त होने के बाद हुआ था।
जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हाल के सालों में सबसे घातक नागरिक हमला हुआ है
जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हाल के सालों में सबसे घातक नागरिक हमला हुआ है. मंगलवार, 22 अप्रैल को हुए इस कायराना आतंकी हमले में 26 पर्यटक मारे गए और कई अन्य घायल हो गए. केंद्रीय एजेंसी के सूत्रों के अनुसार, प्रतिबंधित पाकिस्तान स्थित लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) के से जुड़े- द रेजिस्टेंस फ्रंट (TRF) ने हमले की जिम्मेदारी ली है।
माना जाता है कि TRF को पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISIS का समर्थन मिला हुआ है और यह लश्कर के संस्थापक और 26/11 के मास्टरमाइंड हाफिज सईद का प्रॉक्सी है. मंगलवार को इस समूह ने हमले की जिम्मेदारी लेते हुए कहा कि क्षेत्र में “जनसांख्यिकीय परिवर्तन” किया जा रहा है और यही हमले का कारण है।
TRF ने कहा, “गैर-स्थानीय लोगों को 85,000 से अधिक अधिवास (डोमिसाइल) जारी किए गए हैं, जिससे भारतीय कब्जे वाले जम्मू और कश्मीर में जनसांख्यिकीय परिवर्तन का मार्ग तैयार हो रहा है. ये गैर-स्थानीय लोग पर्यटकों के रूप में आते हैं, डोमिसाइल प्राप्त करते हैं और फिर ऐसा व्यवहार करना शुरू करते हैं जैसे कि वे जमीन के मालिक हैं. नतीजतन, अवैध रूप से बसने का प्रयास करने वालों पर हिंसा किया जाएगा.”
द रेजिस्टेंस फ्रंट या TRF क्या है?
द रेजिस्टेंस फ्रंट (TRF) प्रतिबंधित पाकिस्तान स्थित लश्कर-ए-तैयबा (LeT) का एक प्रॉक्सी आतंकी संगठन है, जिसका गठन 2019 में जम्मू और कश्मीर में अनुच्छेद 370 के निरस्त होने के बाद हुआ था. इसकी शुरुआत एक ऑनलाइन यूनिट के रूप में हुई थी. लेकिन तहरीक-ए-मिल्लत इस्लामिया और गजनवी हिंद जैसे मौजूदा संगठनों के तत्वों को मिलाकर यह तेजी से एक पूरी तरह के आतंकवादी समूह में विकसित हो गया।
गृह मंत्रालय के अनुसार, TRF “जम्मू-कश्मीर के सुरक्षा बल कर्मियों और निर्दोष नागरिकों की हत्या की योजना बनाने, प्रतिबंधित आतंकवादी संगठनों का समर्थन करने के लिए हथियारों मुहैया कराने और पहुंचाने, आतंकवादियों की भर्ती करने, आतंकवादियों की घुसपैठ और सीमा पार से हथियारों और ड्रग्स की तस्करी में शामिल रहा है.”
TRF को जनवरी 2023 में गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम यानी UAPA के तहत एक आतंकवादी संगठन घोषित किया गया था. सुरक्षा अधिकारियों का मानना है कि TRF का गठन कश्मीरी उग्रवाद को अधिक “स्थानीय” और “धर्मनिरपेक्ष” चेहरा देने के लिए किया गया था. इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, एक अधिकारी ने कहा, “लश्कर और जैश-ए-मोहम्मद के धार्मिक अर्थ थे और पाकिस्तान ऐसा नहीं चाहता था. वे कश्मीर के आतंकवाद को स्वदेशी दिखाना चाहते थे. इसलिए, उन्होंने ‘प्रतिरोध/ रेजिस्टेंस’ का विकल्प चुना – जिसका वैश्विक राजनीति में कुछ चलन है.”
इस रीब्रांडिंग को फाइनेंसियल एक्शन टास्क फोर्स (FATF) जैसे अंतरराष्ट्रीय वॉचडॉग की जांच से बचने की एक रणनीति के रूप में भी देखा गया. FATF मनी लॉन्ड्रिंग और आतंकवादी वित्तपोषण के खिलाफ वैश्विक प्रयासों की निगरानी करता है।
TRF कमांडर शेख सज्जाद गुल को UAPA के तहत आतंकवादी करार दिया गया है और भारतीय एजेंसियों ने उसके सिर पर इनाम रखा है. इस आतंकी समूह ने कश्मीर घाटी में पत्रकारों को धमकियां जारी की हैं और कई हाई-प्रोफाइल हमलों से जुड़ा है, जिससे यह आज क्षेत्र में सबसे सक्रिय आतंकवादी संगठनों में से एक बन गया है।
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